Posted by : Regan Thapa

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केंद्र सरकार द्वारा ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की गई है। मिनिस्ट्री ऑफ हेवी डयूटी ने एक नई स्कीम इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल्स को बढ़ावा देना है। आपको बता दे की इस योजना को शुरू करने का उद्येश्य देश में बढ़ती तेल की कीमते व लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से बचना है।






Electric Vehicle Subsidy Yojana





ई-व्हीकल सब्सिडी योजना





आपकी जानकारी के लिए बता दे की यह योजना अभी तक सिर्फ 4 महीनों (अप्रैल से जुलाई) के लिए ही लागू की गई है। हेवी इन्डस्ट्री के मंत्री श्री महेंद्र नाथ पांडे ने इस योजना को शुरू किया है। इस योजना का पहला फेम समाप्त हो चुका है तथा इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग व इन्हे अपनाने का दूसरा फेज भी 31 मार्च 2024 को समाप्त होने जा रहा है। इसके साथ ही उद्योग मंत्री श्री महेंद्र नाथ पांडे जी का कहना है की देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी इस योजना को बढ़ावा दे रहे है।





Government Subsidy Vehicle Scheme





ई-व्हीकल सब्सिडी योजना के अंतर्गत प्रत्येक दोपहिया वाहन की खरीद पर 10,000/- रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही सरकार का लगभग 3 लाख 30 हजार दोपहिया इलेक्ट्रॉनिक्स वाहनों पर सब्सिडी प्रदान करना है। इसके अलावा ति-पहिया वाहनों जैसे की ई-रिक्शा या ई-कार्ट की खरीद पर 25,000/- रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाती है। दोपहिया व ति-पहिया वाहन खरीदने वालों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना मे लगभग 45 हजार छोटे ति-पहिया वाहनों पर सब्सिडी देने का उद्देश्य है।





यदि आप बड़े ति-पहिया वाहन खरीदते है तो आपको सरकार द्वारा 50,000/- हजार रुपये की छूट दी जाएगी। इस योजना का संचालन अभी सिर्फ 4 महीनों के लिए ही किया जा रहा है। बाद में इसकी सफलता पर सरकार आगे नई योजना ला सकती है। इसलिए अभी के लिए आप जल्दी से इस सब्सिडी योजना में आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकते है। सरकार द्वारा इस योजना के लिए लगभग 11,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।





MOU व IIT रुड़की





सरकार द्वारा उद्योग मंत्री श्री महेंद्र नाथ पाण्डे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी, मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इन्डस्ट्री और उत्तराखंड के वरिष्ट अधिकारियों की उपस्थिति में IIT रुड़की के साथ MOU अर्थात Memorandum of Understanding को साइन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य औटोमोटिव व इलेक्ट्रॉनिक्स वाहन सेक्टर में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक साथ मिलकर कार्य करना है।





आपको बता दे की अभी के लिए किसी भी राज्य ने इलेक्ट्रॉनिक्स कारों व बसों के लिए सब्सिडी के बारे में बात नहीं कही है और ना ही उन्होंने अपनी ई-व्हीकल नीति में इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी दी है।





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ई-व्हीकल बिक्री





सरकारी जानकारी के अनुसार फेम 1 में लगभग 2,70,000 ईवी की बिक्री हुई है जिस पर लगभग 343 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। वहीं फेम 2 में 10,000 करोड़ के बजट स्वीकृत किया गया था जिसे बाद में बढ़ाकर 11,500 करोड़ कर दिया गया। यह फ़ेम 31 मार्च 2024 को समाप्त होने जा रहा है इस फेम 2 को 3 साल के लागू किया गया है। फेम 2 में भारत में ईवी व्हीकल्स की बिक्री दर में लगभग 45% की बढ़ोतरी हुई है। सन 2023 में तकरीबन 15 लाख ई-व्हीकलों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।





दूसरे फेम मे दोपहिया व ति-पहिया वाहनों के लिए 7,048 करोड़ रुपये, पूंजीगत निवेश के लिए 4,008 रुपये करोड़ तथा अन्य केटेगरी के लिए 400 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गई।





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भारत में इलेक्ट्रिक वाहन को लागू करने के लिए भारत सरकार की क्या योजनाएं हैं?




भारत में इलेक्ट्रिक वाहन को लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा ई-व्हीकल सब्सिडी योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के अंतर्गत दोपहिया वाहनों पर 10,000/- रुपये, छोटे ति-पहिया वाहनों पर 25,000/- रुपये व बड़े ति-पहिया वाहनों पर 50,000/- रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है।






इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार कितनी सब्सिडी देती है?




इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार ई-व्हीकल सब्सिडी योजना के माध्यम से 10 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान करती है।











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